2022 में, माइकल ली मैकडॉनल्ड एक बार फिर सुर्खियों में थे, खासकर अमेरिकी राजनीति और कानून के दायरे में। नेवादा रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष के रूप में, वह 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद विवादास्पद “फर्जी इलेक्टर्स” योजना में शामिल थे। इस योजना के तहत, उन्होंने और अन्य रिपब्लिकन सहयोगियों ने यह दावा किया कि नेवादा के छह इलेक्टर्स को जो बाइडेन के बजाय डोनाल्ड ट्रम्प को सौंप दिया जाना चाहिए, जबकि वास्तविक चुनाव परिणामों के अनुसार बाइडेन ने राज्य में 33,000 से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी।
इस विवाद के कारण, जून 2022 में एफबीआई ने माइकल ली मैकडॉनल्ड की जांच शुरू कर दी। एजेंसी ने उनके सेलफोन को जब्त किया और उनके खिलाफ संभावित चुनावी हस्तक्षेप की जांच शुरू की। यह कदम उनके राजनीतिक करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, क्योंकि उन पर संघीय कानूनों के उल्लंघन का संदेह था। हालांकि, मैकडॉनल्ड ने हमेशा इन आरोपों से इनकार किया और दावा किया कि वह केवल अपनी पार्टी के हित में काम कर रहे थे।
माइकल ली मैकडॉनल्ड कोई नया विवादास्पद चेहरा नहीं हैं। 1999 से लास वेगास की राजनीति में सक्रिय रहते हुए, उन्होंने कई नैतिक और कानूनी विवादों का सामना किया है। लास वेगास सिटी काउंसिल के सदस्य के रूप में, उन पर कई नैतिक उल्लंघनों का आरोप लगा, जिनमें कथित वित्तीय अनियमितताएं भी शामिल थीं। इसके अलावा, वह एक गैर-लाभकारी संगठन के साथ जुड़े विवादों में भी घिरे रहे।
उनकी पार्टी के कई समर्थक उन्हें एक मजबूत नेता मानते हैं, जबकि उनके आलोचकों का मानना है कि वह अपनी राजनीतिक शक्ति का गलत इस्तेमाल करते हैं। 2022 में, उन पर चुनावी धांधली से संबंधित जांच का दबाव बढ़ता गया, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति कमजोर होती दिखी।
आज के समय में, माइकल ली मैकडॉनल्ड सार्वजनिक रूप से कम नजर आते हैं और कानूनी मामलों का सामना कर रहे हैं। उनकी राजनीतिक भविष्यवाणी करना कठिन है, लेकिन यह स्पष्ट है कि 2022 में उन पर लगे आरोपों का उनके करियर पर गहरा प्रभाव पड़ा। उनके समर्थकों को उम्मीद है कि वह जल्द ही अपने राजनीतिक करियर को पुनर्जीवित करेंगे, जबकि उनके आलोचक चाहते हैं कि उन पर कड़ी कार्रवाई हो। अब यह देखना बाकी है कि वह आगे क्या कदम उठाते हैं और कानून उन्हें किस दिशा में ले जाता है।